Monday, May 5, 2008

Chingari koi bhadke

Film : Amar Prem (1971)
Singer : Kishor Kumar
Lyricist : Anand Bakshi
Musician : R.D.Burman


चिंगारी कोई भड़के, तो सावन उसे बुझाए,
सावन जो अगन लगाए उसे कौन बुझाए?
पतझड़ जो बाग उजाड़े, वो बाग बहार खिलाए
जो बाग बहार में उजड़े, उसे कौन खिलाए?

हमसे मत पूछो कैसे, मंदिर टूटा सपनो का
लोगों की बात नही है, ये किस्सा है अपनोका
कोई दुश्मन ठेस लगाएँ, तो मीत जिया बहलाए
मनमीत जो घाव लगाए, उसे कौन मिटाए?

ना जाने क्या हो जाता, जाने हम क्या कर जाते
पीते है तो जिंदा है, ना पीते तो मर जाते
दुनिया जो प्यासा रखे, तो मदिरा प्यास बुझाए
मदिरा जो प्यास लगाए, उसे कौन बुझाए?

माना तूफ़ा के आगे, नहीं चलता ज़ोर किसीका
मौजों का दोष नहीं है, ये दोष है और किसीका
मजधार मैं नैया डोले, तो मांझी पार लगाए,
मांझी जो नाव डूबोएँ, उसे कौन बचाए?


Kuchh to log kahenge

Film : Amar Prem (1971)
Singer : Kishor Kumar
Lyricist : Anand Bakshi
Musician : R.D.Burman

कूछ तो लोग कहेन्गे, लोगोंका काम है केहना
छोडो बेकार की बातोमें, काहीं बीत ना जाए रैना ||धृ||

कूछ रीत जगत की ऐसी है, हर एक सुबह की शाम हुई
तू कौन है, तेरा नाम है क्या, सीता भी यहाँ बदनाम हुई
फिर क्यों संसार की बातोसें, भीग गये तेरे नैना ||१||

कूछ तो लोग कहेन्गे, लोगोंका काम है केहना
छोडो बेकार की बातोमें, काहीं बीत ना जाए रैना ||धृ||

हमको जो ताने देते है, हम खोए है इन रंगरलियों मै
हमने उन्को भी छूप छूप के, आते देखा इन गलियॉंमें
ये सच है झूठी बात नही, तुम बोलो ये सच हैं ना ||२||

कूछ तो लोग कहेन्गे, लोगोंका काम है केहना
छोडो बेकार की बातोमें, काहीं बीत ना जाए रैना ||धृ||

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